2019 के लोकसभा चुनाव में पांच चरणों का मतदान हो चुका है. आखिरी दो चरणों के मतदान से पहले चुनावी महाभारत में धर्मयुद्ध शुरू हो गया है, जहां लक्ष्य सिर्फ जीत है और इस जीत के लिए कुछ भी कर गुजरने की जिद है. यही वजह है कि 35 साल पहले 1984 के सिख विरोधी दंगों की राख से अचानक शोले निकलने लगे. छठें चरण के प्रचार के आखिरी दिन 84 के सिख दंगे पर सियासी बवाल मच गया. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के बयान पर बीजेपी ने चौतरफा हमला बोला है और इस धर्मयुद्ध में पीएम मोदी कोई भी तीर खाली नहीं जाने देना चाह रहे हैं.from आज तक | http://bit.ly/2vOnrCN
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