
एक बार दो राज्यों के बीच युद्ध की तैयारी चल रही थी. दोनों के शासक एक प्रसिद्ध संत के भक्त थे. वो अपनी अपनी विजय का आशीर्वाद लेने अलग-अलग उनके पास पहुंचे. पहले शासक को आशीर्वाद देते हुए संत बोले तुम्हारी जीत निश्चित है. दूसरे शासक को उन्होंने कहा कि तुम्हारी जीत संदिग्ध है. दूसरा शासक संत की यह बात सुनकर वहां से चला आया. किंतु उसने हार नहीं मानी और अपने सेनापति से कहा कि हमें मेहनत और अपने पुरुषार्थ पर भरोसा रखना चाहिए इसलिए हमें जोर-शोर से तैयारी करनी चाहिए. हमें दिन-रात एक कर युद्ध की बारीकियां सिखनी चाहिए. पूरी कहानी के लिए वीडियो देखें.
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